Friday, September 20, 2024
राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण यानि National Company Law Tribunal ने 31 हजार करोड़ की हेराफेरी को नजरअंदाज करने वाले ऑडिटरों पर लगाए गए जुर्माने को सही माना है। अधिकरण ने डीएचएफएल के खिलाफ राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) के आदेश को बरकरार रखा है। एनएफआरए ने 30 सितंबर को डीएचएफएल के 18 आंतरिक ऑडिटरों पर 18 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था, साथ ही उनके कहीं भी ऑडिटर के तौर पर काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया था।साथ ही यह भी कहा की आदेश में कोई खामी नहीं है।
हल्ला बोल एक्सप्रेस
https://www.hallabolexpress.com/