Thursday, November 21, 2024
भारत के मशहूर बिजनेसमैन गौतम अडानी
गौतम अडानी के फर्श से अर्श तक पहुँचने की कहानी
आज हम गुजरात के एक ऐसे सख्स की कहानी बताएंगे जो दौलत के मामले में अम्बानी को भी टक्कर दे रहा है। हर दिन नए-नए बेंच मार्क सेट कर रहा है और न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में अपना दबदबा बना रहा है। हम बात कर रहे है भारत के मशहूर बिजनेसमैन गौतम अडानी की।
जिन्हे एक वक्त था की आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी लेकिन आज ये एयरपोर्ट से लेकर बंदरगाह और कोयले से लेकर घर में इस्तेमाल होने वाले तेल तक से पैसा कमा रहे है।
लेकिन बहुत ही कम लोग ऐसे है जो इनके बारे में जानते है अगर आप गौतम अडानी की कामयाबी की राज जानना चाहते है तो देखिये उनके जिंदगी और व्यापार का सफरनामा।
गौतम अडानी यू तो रिलायंस इंडस्ट्री के संस्थापक धीरूभाई अम्बानी की ही तरह पहली पीढ़ी के बिजनेसमैन है लेकिन आज उनकी नेटवर्थ बाकि उद्योग पतियों से कई ज्यादा है क्योंकि एक डायलॉग है जो गौतम अडानी ने सिद्ध किया की कोई भी धंधा छोटा या बड़ा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता।
अब हम ऐसा इसलिए कह रहे है क्योंकि समय के साथ अडानी को जो भी धंधा मिला उन्होंने उसे पुरे मन से किया और सक्सेस होते चले गए लेकिन उनके फर्श से अर्श तक पहुंचने तक का सफर काफी कठनाईयो से भरा हुआ है।
गौतम अडानी यू तो रिलायंस इंडस्ट्री के संस्थापक धीरूभाई अम्बानी की ही तरह पहली पीढ़ी के बिजनेसमैन है लेकिन आज उनकी नेटवर्थ बाकि उद्योग पतियों से कई ज्यादा है क्योंकि एक डायलॉग है जो गौतम अडानी ने सिद्ध किया की कोई भी धंधा छोटा या बड़ा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता।
अब हम ऐसा इसलिए कह रहे है क्योंकि समय के साथ अडानी को जो भी धंधा मिला उन्होंने उसे पुरे मन से किया और सक्सेस होते चले गए लेकिन उनके फर्श से अर्श तक पहुंचने तक का सफर काफी कठनाईयो से भरा हुआ है।
इनका जन्म 1962 में अहमदाबाद के एक आर्थिक रूप से कमजोर परिवार में हुआ पिता का छोटा सा काम था लेकिन कुछ खाश चल नहीं रहा था ऐसे में वक्त के साथ आर्थिक हालत और बिगड़ते चले गए जिसकी वजह से गौतम अडानी को अपनी पढ़ाई को बिच में ही छोड़नी पड़ी और काम के लिए हाथ पैर मारने पड़े।
बिजनेस करने के लिए नौकरी छोड़ दिया
अडानी ने एक सपना देखा था, वह सपना था – अपने परिवार को गरीबी से निकालने का। यह नौकरी से संभव नही हो सकता था, क्योंकि एक बधी-बधाई सैलरी में परिवार के 8 लोगो का खर्च निकालना मुश्किल हो रहा था। अडानी ने नौकरी छोड़ दिया। फिर शुरु हुआ फर्श से अर्श पर पहुँचने के लिए कड़ी मेहनत का दौर।
महज 20 साल उम्र में कर दिया अपने बिजनेस की शुरुवात
Gautam Adani ने महज 20 साल की उम्र में ही हीरे का ब्रोकरेज आउटफिट खोल लिया। मेहनत करने का जज्बा तो था ही। उन्होंने एक साल जमकर अपने आउटलेट के लिए मेहनत किया।
फिर साल आया 1995 का ये वो साल था जिसने आज उनके इस मुकाम तक पहुंचने की नीव रखी क्योंकि इस वक्त गुजरात सरकार पोर्ट डेवलपमेंट के लिए प्राइवेट कम्पनी की तलाश कर रही थी ऐसे में जैसे ही ये खबर अडानी तक पहुंची उन्हें कमाई का एक और सोर्स नजर आया इसलिए उन्होंने गुजरात के सबसे बड़े बंदरगाह मुंद्रा पोर्ट को ही खरीद लिया। मुंद्रा पोर्ट को खरीदने के बाद 1998 में गौतम अडानी ने अडानी पोर्ट्स और लोजिस्टिक्स कम्पनी की शुरुआत की।
वैसे इस बंदरगाह की खासियत के बारे में बताये तो करीब 8000 हेक्टेयर में फैला ये पोर्ट आज भारत का सबसे बड़ा निजी बंदरगाह है और इस पोर्ट से पुरे भारत के लगभग 1/4 माल की आवा-जाही होती है। साथ ही यह जगह स्पेशल इकनोमिक जोन के तहत बना है तो प्रमोटर कम्पनी को कोई टैक्स भी नहीं देना पड़ता है।
इस जोन में पावर प्लांट, प्राइवेट रेल लाइन और एक प्राइवेट एयरपोर्ट भी है वैसे यहाँ गौर करने वाली बात है की आज अडानी समूह देश के प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप में से एक है उनकी अडानी पोर्ट देश की सब बड़ी पोर्ट मैनेजमेंट कम्पनी है और गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, केरला, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, और ओडिशा जैसे सात समुद्री राज्यों में इनके 13 डोमेस्टिक पोर्ट्स है।
अब जैसे-जैसे गुजरता गया अडानी खुद को ग्रो करते चले गए वो लोगो के रसोईयों में पहुंच गए। फार्च्यून के द्वारा वही फार्च्यून जिसका रिफाइन आयल आज हर घर में सुबह-शाम, दिन-रात इस्तेमाल होता है।
जनवरी 1999 में अडानी ग्रुप ने विलमार बिज़नेस ग्रुप के साथ हाथ मिलाकर खाने के तेल के बिज़नेस में कदम रखा था। वैसे फार्च्यून तेल के आलावा अडानी ग्रुप आटा, चावल, दाल, चीनी, जैसे दर्जनों जैसे हिस्सा से जुड़ा हुआ है। जिनके रख रखाव के लिए 2005 में अडानी ग्रुप ने फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया के साथ मिलकर अलग-अलग राज्यों में बड़े-बड़े सायलोस बनाये
सायलोस वो चीज़ होती है जिसमे बड़े पैमाने पर अनाज को रखा जाता है सायलोस के कनेक्टिविटी के लिए अडानी ग्रुप ने निचे रेल लाइन भी बनायीं ताकि अनाज को लाने और ले जाने में आसानी हो।
अब अडानी को काले कोयले में भी पैसा दिखा उन्होंने डोमेस्टिक एलेक्ट्रोसिटी का जनरेशन किया बड़े-बड़े राज्यों को बिजली सप्लाई करनी सुरु की लेकिन इतने बड़े पावर प्लांट को चलाने के लिए जरुरत से ज्यादा कोयला चाहिए था इसलिए दिमाग चलाया और इसलिए ऑस्ट्रिलया के एक कोल् माइन को खरीद डाला।
फार्च्यून इंडिया मैगज़ीन के मुताबिक 2010 में अडानी ने लिंक-एनर्जी से 12147 करोड़ में कोयला खदान खरीदी थी इस खदान में 7.8 बिलियन टन के खनिज भंडार है जो हर साल 60 मिलियन टन हर साल कोयला पैदा कर सकती है इसी तहर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से इंडोनेसिया में मौजूद तेल, गैस, और कोयला के लिए अडानी ग्रुप ने साउथ सुमात्रा से कोयला ढोलाई के लिए 1.5 अरब डॉलर निवेश करने की घोषणा की।
उस समय इंडोनेशिया इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने बताया था की अडानी ग्रुप 5 करोड़ टन की छमता वाले एक कोल् हैंडलिंग पोर्ट का निर्माण करेगा और साउथ सुमित्रा आईलैंड की खदानों से कोयला निकालने के लिए 250kms रेल लाइन बिछायेगा।
इसी तरह अडानी अपना कारोबार फैलाते गए और पैसा अकाउंट में आता चला गया जिस अडानी साम्राज्य का कारोबार 2002 में 76.5 करोड़ डॉलर था वो 2014 तक आते-आते 10 अरब डॉलर हो गया साथ ही वक्त की जरुरत को देखते हुए अडानी ग्रुप ने नेचुरल गैस के छेत्र में भी बिज़नेस को बढ़ाया और 2017 में सोलर PV पैनल बनाना सुरु किये।
उधर बंदरगाह और निजी रेल लाइन के बाद अडानी ने एयरपोर्ट्स की तरफ उड़ान भरी और 2019 में अहमदाबाद, लखनऊ, मंगलौर, जयपुर, गुहाठी, और ट्रिवनंतपुरम जैसे 6 हवाई अड्डों के Modernization और ऑपरेशन की जिम्मेदारी उठा ली अब अगले 50 सालो तक अडानी ग्रुप इन सभी एयरपोर्ट का ऑपरेशन, मैनेजमेंट, और डेवलपमेंट संभालेगा।
वही मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड में भी अडानी ग्रुप के पास 74% की हिस्सेदारी है और ये बताने की जरुरत नहीं है की भारत में मुंबई एयरपोर्ट दिल्ली के बाद देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है।
वैसे जिस तरह सुन्दर आकार लेने से पहले सोने को खूब तपाया जाता है ठीक उसी तरह गौतम अडानी को भी जीवन में कई तरह का ताप झेलना पड़ा उनका सामना कई तरह के विवादों से हुआ लेकिन उन्होंने सबसे पार पाया और एक सबसे अलग मुकाम हासिल किया जिसका नतीजा है की आज गौतम अडानी का कारोबार पूरी दुनिया में फैला हुआ है।
तम अडानी के बिजनेस लिस्ट
- समूह कोयला व्यापार
- कोयला खनन
- तेल एवं गैस खोज
- बंदरगाह
- मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक
- बिजली उत्पादन एवं पारेषण और गैस वितरण
गौतम अडानी के उद्योग का मुख्यालय कहां पर स्थित है?
गौतम अडानी के उद्योग का मुख्यालय मुम्बई में स्थित है।
गौतम अडानी फिर से चर्चा में क्यों हैं?
हाल ही में भारत के सबसे अधिक अमीरों की एक लिस्ट जारी की गई है, जिसमें गौतम अडाणी को भारत का सबसे अमीर उद्योगपति बताया गया है। चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि इस लिस्ट में पहले मुकेश अंबानी कई वर्षों से काबिज थे।
“कोई धंधा छोटा या बड़ा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। ठीक यही किया गौतम अडानी ने। समय पर जो धंधा मिला उसे पूरे मन किया और आगे बढ़ते रहे। जमीन पर पड़ा कोई असफल व्यक्ति कभी नजर नहीं आता, हर कोई उगते सूरज को सलाम करता है”
।।धन्यवाद।।
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