Friday, September 20, 2024
Why Share Market Falling: शुक्रवार को आईटी एवं वित्तीय शेयरों में खासी गिरावट देखी गई जिससे मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स 773 अंक लुढ़क गया। सेंसेक्स 773.11 अंक यानी 1.31 प्रतिशत गिरकर 58,152.92 अंक पर (Share Market Latest Update) आ गया। इस भारी गिरावट की वजह से एक ही दिन में निवेशकों को करीब 4.01 लाख करोड़ रुपयों की चपत लग गई। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से टेक महिंद्रा को करीब तीन प्रतिशत का सबसे अधिक नुकसान हुआ।
हाइलाइट्स
- शुक्रवार को आईटी एवं वित्तीय शेयरों में खासी गिरावट देखी गई जिससे मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स 773 अंक लुढ़क गया
- सेंसेक्स 773.11 अंक यानी 1.31 प्रतिशत गिरकर 58,152.92 अंक पर आ गया
- इस भारी गिरावट की वजह से एक ही दिन में निवेशकों को करीब 4.01 लाख करोड़ रुपयों की चपत लग गई
- सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से टेक महिंद्रा को करीब तीन प्रतिशत का सबसे अधिक नुकसान हुआ
मुंबई: वैश्विक बाजारों में जारी बिकवाली के दबाव में आए घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को आईटी एवं वित्तीय शेयरों में खासी गिरावट देखी गई जिससे मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स 773 अंक लुढ़क गया। कारोबारियों ने कहा कि अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़ों के अनुमान से कहीं ज्यादा रहने से विदेशी निवेशकों ने जमकर बिकवाली (Why Share Market Falling) की। इससे बीएसई और एनएसई (Share Market Latest Update) में कारोबारी धारणा कमजोर हुई।
4.01 लाख करोड़ रुपये हुआ स्वाहा
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस के अंत में 773.11 अंक यानी 1.31 प्रतिशत गिरकर 58,152.92 अंक पर आ गया। इस भारी गिरावट की वजह से एक ही दिन में निवेशकों को करीब 4.01 लाख करोड़ रुपयों की चपत लग गई। इसी तरह एनएसई का सूचकांक निफ्टी भी 231.10 अंक यानी 1.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,374.75 अंक पर खिसक आया।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से टेक महिंद्रा को करीब तीन प्रतिशत का सबसे अधिक नुकसान हुआ। इन्फोसिस, एचसीएल टेक, एसबीआई, कोटक महिंद्रा बैंक और एचडीएफसी के शेयर भी घाटे के साथ बंद हुए। मुनाफे में रहने वाले शेयरों में मुख्य रूप से इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी और टाटा स्टील शामिल रहे।अमेरिकी फेडरल रिजर्व के एक फैसले से क्यों हिल जाता है भारतीय शेयर बाजार, समझिए क्या है इसकी वजह!
दुनिया के अन्य बाजारों का हाल
एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग, सोल और शंघाई के शेयर बाजार भी नुकसान में रहे। हालांकि टोक्यो का सूचकांक लाभ में बंद हुआ। यूरोपीय बाजारों में भी दोपहर सत्र में बिकवाली का भारी दबाव देखा गया। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.43 प्रतिशत बढ़कर 91.80 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
क्यों आई इतनी बड़ी गिरावट?
इस गिरावट की बड़ी वजह हैं एफआईआई। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने पूंजी बाजार में बिकवाली का सिलसिला जारी रखा है। शेयर बाजार से मिली जानकारी के मुताबिक, एफआईआई ने बृहस्पतिवार को 1,732.58 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिक्री की थी। उम्मीद की जा रही है कि इस बार अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाई जा सकती हैं, जिसके चलते बिकवाली देखी जा रही है।