Tuesday, October 22, 2024
आज हम आपको Margo साबुन के बारे में बता रहे हैं. जिसने अपनी सफलता से पूरे इंडियन मार्किट में तहलका मचा दिया था इसकी वजय थी इसका औषधीय गुण जिस वजह से ये मार्केट में खुब बिका.
और आज भी यह साबुन ने मार्केट में अपनी अलग पहचान के लिए जाना जाता है
मार्गो के ओनर का नाम के. सी. दास था जो की केमिस्ट्री का अच्छा ज्ञान रखते थे, उन्होंने इसी विषय से पढ़ाई भी की थी. इसी वजह से वे नीम का फायदे जानने में सफल हुए. वैसे भी नीम के फायदे भारत की जनता भी जानती थी. के. सी. दास जी ने इसी पहचान का सही फायदा उठाया और नीम को साबुन की शक्ल दे डाली और इस तरह मार्केट में Margo साबुन वजूद में आ गया. इसके साथ ही उन्होंने दूसरे प्रोडक्ट भी बनाए.
इस साबुन कंपनी के मालिक के. सी. दास ने मार्गो साबुन का रेट इस तरह तय किया कि मार्केट में हर वर्ग का आदमी उस प्रोडक्ट को खरीद सके. इसी वजह से मार्गो देशभर में फेमस हो गया. उस जमाने में लोगों ने इस साबुन को हाथों हाथ खरीदा और कुछ ही सालों में कंपनी को तमिलनाडु में भी मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट खोलना पड़ा. 1990 के दशक में मार्गो साबुन का जलवा था. इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि 1988 में इंडियन मार्केट में इसकी हिस्सेदारी लगभग 8 प्रतिशत से ज्यादा थी. इस साबुन को बाद में 75 करोड़ रुपये में हेंकेल कंपनी ने खरीद लिया और बाद में साल 2011 में ज्योति लैबोरेटीज ने इस ब्रांड से जुड़े सभी अधिकार खरीद लिए. अब ये कंपनी मार्गो ब्रांड नाम से साबुन बेचती है
“मोती कभी भी किनारे पे खुद नहीं आते, उन्हें पाने के लिए समुन्दर में उतरना ही पड़ता है”
हल्ला बोल एक्सप्रेस
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